आने वाले समय में हर 10 में से 1 भारतीय होगा कैंसर का मरीज: WHO की रिपोर्ट

आने वाले समय में हर 10 में से 1 भारतीय होगा कैंसर का मरीज: WHO की रिपोर्ट

अम्बुज यादव

आज के समय में अपने सेहत को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती हो गई है। क्योंकि आजकल के भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग पैसे के पीछे भागते-भागते अपने लाइफ को जीना भूल गए है। इसलिए तो हमें कई तरह की बीमारियों का सामना अक्सर करना पड़ता है। उन्हीं में एक है कैंसर जो काफी जानलेवा और खतरनाक होता जा रहा है। वहीं इस बीमारी की चपेट में आने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे आने वाले समय में यह बीमारी और भी घातक होती दिखाई दे रही है। वैसे तो यह पुरे दुनिया में लगातार अपने पांव पसार रही हैं लेकिन भारत जैसे विकासशील और हेल्थ केयर सुविधाओं में सीमित प्रबंध वाले देशों में यह काफी खतरनाक और भयावह रुप ले सकती है जिसकी आंशका भी जताई जा रही है। जी हां यह बात हम नहीं बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की जारी रिपोर्ट में कही गई है। दरअसल WHO  ने अभी जल्द में ही एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार आने वाले समय में कैंसर से पीड़ित 10 लोगों में 1 भारतीय होगा। यही नहीं इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि कैंसर से मरने वालों में हर 15 में से 1 भारतीय रहेगा। वही इसका सबसे बड़ा कारण सामाजिक असमानता को बताया गया है।

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विश्व कैंसर रिपोर्ट में जो आंकड़े दिये गये हैं वो काफी चौंकाने और डराने वाले है। दरअसल रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2018 में कैंसर के लगभग 11 लाख 60 हजार नए मामले सामने आए थे, वहीं लगभग 7 लाख 84 हजार लोगों की मौत कैंसर के कारण हुई थी। भारतीयों में सबसे ज्यादा खतरा इन तरह के कैंसरों का है-

  • स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर)- 1,62,500 मामले
  • मुंह का कैंसर (ओरल कैंसर)- 1,20,00 मामले
  • गर्भाशय का कैंसर (सर्वाइकल कैंसर)- 97,000 मामले
  • फेफड़ों का कैंसर (लंग कैंसर)- 68,000 मामले
  • पेट का कैंसर (स्टमक कैंसर)- 57000 मामले
  • मलाशय का कैंसर (कोलोरेक्टल कैंसर)- 57,000 मामले

अमीर-गरीब सभी को है खतरा

अगर आपको लगता है कैंसर से मौत का कारण इलाज का अभाव और गरीबी है, तो आपका सोचना शायद गलत है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जिन लोग निम्न सामाजिक आर्थिक जीवन जीते हैं, उनमें मुंह के कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का खतरा ज्यादा है, जबकि जो लोग उच्च सामाजिक आर्थिक जीवन जी रहे हैं, उनमें स्तन कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा ज्यादा है। इसके अलावा मध्यम वर्गीय परिवारों में सभी तरह के कैंसरों का खतरा आम हो रहा है।

क्यों बढ़ रहे हैं भारत में कैंसर के मामले?

रिपोर्ट बताती है कि भारत में रह रहे ज्यादातर गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के लोग अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी आदि का सेवन करते हैं, जिससे उन्हें मुंह का कैंसर होने का खतरा रहता है। इसके अलावा इसी तबके की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा रहता है, क्योंकि सीमित संसाधनों के कारण न तो वे अपनी सेहत का ध्यान रख पाती हैं और न ही उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं, जिससे कि वो कैंसर का पता शुरुआत में ही लगा सकें। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर में जितने भी सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं, उनमें 1/5 मामले सिर्फ भारत के होते हैं।

शहरों में कैंसर का कारण

इसी तरह शहरों में रह रहे लोगों और उच्च आर्थिक जीवन जीने वाले लोगों में ब्रेस्ट कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि शहरों में रह रहे लोग शारीरिक मेहनत कम करते हैं, तनाव ज्यादा लेते हैं, प्रॉसेस्ड फूड्स और जंक फूड्स का सेवन करते हैं, जिसके कारण ज्यादातर लोग मोटापे का शिकार होते हैं। इसके अलावा महिलाएं शिशुओं को कम स्तनपान कराती हैं, जिसके कारण शहरी लोगों में ब्रेस्ट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, यूटेराइन कैंसर और ओवरियन कैंसर का खतरा बढ़ता है।

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